Sanchar now – Chitrakoot News https://chitrakootnews.in Wed, 16 Apr 2025 13:41:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 ग्रेटर नोएडा में मलकपुर के 47 किसानों को मिले आबादी भूखंड https://chitrakootnews.in/2025/04/16/47-farmers-of-malakpur-got-residential-plots-in-greater-noida/ https://chitrakootnews.in/2025/04/16/47-farmers-of-malakpur-got-residential-plots-in-greater-noida/#respond Wed, 16 Apr 2025 13:41:27 +0000 https://sancharnow.com/?p=28503 ग्रेटर नोएडा ( संचार नाउ)। ग्रेटर नोएडा के 47 किसानों को छह फीसदी आबादी भूखंड मिल गया है, जिसमें से समान आकार के 13 भूखंडों का आवंटन ड्रा के माध्यम से किया गया। बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड रूम में दादरी विधायक तेजपाल नागर, जिलाध्यक्ष अभिषेक शर्मा, एसीईओ सुनील कुमार सिंह और ओएसडी गिरीश कुमार झा की मौजूदगी में ड्रा संपन्न कराया गया। पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए ड्रा प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी भी कराई गई।

दरअसल, मलकपुर के किसानों की जमीन का अधिग्रहण करने के बाद से लंबे अर्से से छह फीसदी आवासीय भूखंड लंबित थे। इन किसानों ने भूखंड पाने के लिए प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार से भी गुहार लगाई थी। सीईओ ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को आबादी भूखंड शीघ्र देने के निर्देश दिए। इन किसानों को अब भूखंड मिल गए हैं।

प्राधिकरण के भूलेख विभाग के ओएसडी गिरीश कुमार झा ने बताया कि मलकपुर के कुल 47 किसानों को छह फीसदी भूखंड दिया जाना था, जिनमें समान आकार वाले 13 भूखंडों का आवंटन ड्रा के माध्यम से किया गया। 8 भूखंडों से जुडे़ किसानों के बीच आपसी सहमति बन जाने से उनको भी भूखंड आवंटित कर दिए गए। इस तरह कुल 21 भूखंडों का आवंटन आपसी सहमति से हो गया। शेष 26 भूखंड अलग-अलग आकार के होने के कारण प्राधिकरण से किसानों के नाम सीधे आवंटित कर दिए गए। ड्रॉ प्रक्रिया की पारदर्शिता के मद्देनजर इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। विधायक तेजपाल नागर और भाजपा जिलाध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की पारदर्शी प्रक्रिया की सहराना की। भूखंड पाने वाले किसानों ने खुशी जताते हुए प्राधिकरण के प्रति आभार जताया। प्राधिकरण के एसीईओ सुनील कुमार सिंह ने कहा है कि इन सभी किसानों को आवंटन पत्र जल्द जारी कर दिए जाएंगे। उसके बाद लीज डीड की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा है कि मलकपुर की तरह ही अन्य गांवों के पात्र किसानों को भी आबादी के भूखंड आवंटित किए जाएंगे। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने अन्य गांवों के सभी पात्र किसानों को आबादी भूखंड शीघ्र दिए जाने का आश्वासन दिया। इस दौरान नियोजन के वरिष्ठ प्रबंधक सुधीर कुमार, प्रबंधक प्रमोद कुमार, संदीप रावल आदि मौजूद रहे।

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ग्रेटर नोएडा में विकास के नाम पर पर्यावरण की बलि: पेड़ों की कटाई विकास की कीमत या लापरवाही ? https://chitrakootnews.in/2025/04/16/environment-is-sacrificed-in-the-name-of-development-in-greater-noida/ https://chitrakootnews.in/2025/04/16/environment-is-sacrificed-in-the-name-of-development-in-greater-noida/#respond Wed, 16 Apr 2025 11:47:44 +0000 https://sancharnow.com/?p=28473

ग्रेटर नोएडा (संचार नाउ)। अप्रैल की शुरुआत के साथ ही गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। जहां एक ओर पूरे देश में गर्मी से राहत पाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए लाखों पेड़ लगाने की मुहिम जोरों पर है, वहीं ग्रेटर नोएडा में विकास के नाम पर बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई का सिलसिला जारी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा 130 मीटर चौड़ी सड़क के चौड़ीकरण के लिए सेक्टर ओमिक्रोन तीन के सामने ठेकेदारों के माध्यम से दर्जनों पुराने पेड़ काटे जा रहे हैं। इस कार्रवाई ने न केवल स्थानीय निवासियों बल्कि पर्यावरणविदों को भी चिंता में डाल दिया है। सवाल यह उठता है कि क्या विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन संभव नहीं है? क्या पेड़ों को काटने के बजाय कोई वैकल्पिक समाधान नहीं खोजा जा सकता?

दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण हर साल लाखों पेड़ लगाने का दावा करता है। इन पेड़ों को शहर की हरियाली बढ़ाने और पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए लगाया जाता है। लेकिन 130 मीटर सड़क चौड़ीकरण परियोजना के तहत सड़क के बीच में मौजूद पुराने पेड़ों को बेरहमी से काटा जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ये पेड़ न केवल ऑक्सीजन का प्रमुख स्रोत थे, बल्कि गर्मी में राहत और पक्षियों के लिए आश्रय भी प्रदान करते थे।

प्राधिकरण की लापरवाही या ठेकेदारों की मनमानी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की जानकारी के बिना ही ठेकेदार के द्वारा पेड़ो की कटाई की जा रही है। ठेकेदार बिना उचित अनुमति और पर्यावरणीय मंजूरी के पेड़ काट रहे हैं। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई से पहले वैकल्पिक उपायों पर विचार करना अनिवार्य है। इसके अलावा, कटाई की अनुमति लेना और प्रतिपूरक वृक्षारोपण करना भी जरूरी है। लेकिन ग्रेटर नोएडा में इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है।

वैकल्पिक समाधान: पेड़ों को शिफ्ट करने की तकनीक

सड़क चौड़ीकरण के लिए पेड़ों को काटना ही एकमात्र रास्ता नहीं है। आधुनिक तकनीकों के माध्यम से पेड़ों को उनकी जड़ों सहित दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है। ‘ट्री ट्रांसलोकेशन’ के नाम से मशहूर यह तकनीक कई भारतीय शहरों में सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है। इस प्रक्रिया में विशेषज्ञों की मदद से पेड़ों को सावधानीपूर्वक खोदा जाता है और उनकी जड़ों को सुरक्षित रखते हुए नई जगह पर रोपा जाता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भी इस दिशा में कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा, सड़क के डिज़ाइन में बदलाव कर पेड़ों को बचाने की कोशिश की जा सकती है। उदाहरण के लिए, सड़क को थोड़ा मोड़कर या अंडरपास बनाकर पेड़ों को संरक्षित किया जा सकता है।

विकास और पर्यावरण के बीच स्थापित हो संतुलन

ग्रेटर नोएडा में 130 मीटर सड़क चौड़ीकरण परियोजना विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है, लेकिन इसके लिए पेड़ों की बलि देना उचित नहीं है। प्राधिकरण को ठेकेदारों की लापरवाही पर अंकुश लगाना होगा और पेड़ों को शिफ्ट करने जैसे वैकल्पिक समाधानों को अपनाना होगा। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाली पीढ़ियों को गर्मी, प्रदूषण और पर्यावरणीय असंतुलन की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। यह समय है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित कर एक मिसाल कायम करे।

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अखिल भारतीय गुर्जर महासभा की बैठक सम्पन्न, समाज में शिक्षा व जागरूकता फैलाने पर हुआ मंथन https://chitrakootnews.in/2025/04/16/meeting-of-all-india-gurjar-mahasabha-concluded/ https://chitrakootnews.in/2025/04/16/meeting-of-all-india-gurjar-mahasabha-concluded/#respond Wed, 16 Apr 2025 11:20:13 +0000 https://sancharnow.com/?p=28479

ग्रेटर नोएडा (संचार नाउ)। अखिल भारतीय गुर्जर महासभा उत्तर प्रदेश की एक महत्वपूर्ण बैठक प्रदेश के महामंत्री एवं मीडिया प्रभारी चेनपाल प्रधान के आवास ग्राम बिरोंडा में सम्पन्न हुई। इस बैठक की अध्यक्षता संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ईश्वर चौधरी ने की, जबकि संचालन प्रदेश संगठन महामंत्री अमरजीत चौधरी द्वारा किया गया। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष चंद्रवीर नागर ने संगठन को और अधिक सशक्त करने तथा समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समाज को जागरूक करने के साथ-साथ युवा पीढ़ी को संगठन से जोड़ना समय की मांग है।

इस अवसर पर वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सुखबीर सिंह आर्य ने कहा कि समाज में अनेक प्रकार की नई-नई कुरीतियाँ पनप रही हैं, जिन्हें दूर कर समाज में शिक्षा और सामाजिक जागरूकता की नई अलख जगाने का कार्य संगठन करेगा। वही क्षेत्रीय अध्यक्ष कृष्ण पाल गुर्जर ने उत्तर प्रदेश सरकार से जनसंख्या के अनुपात में समाज को उचित राजनीतिक और प्रशासनिक भागीदारी देने की मांग की। उन्होंने कहा कि समाज को उसकी वास्तविक भागीदारी और सम्मान मिलना चाहिए।

इस मौके पर प्रदेश महामंत्री चेनपाल प्रधान ने आगामी 10 मई को धन सिंह कोतवाल के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की जानकारी देते हुए समाज के लोगों से उनके पदचिन्हों पर चलने का आह्वान किया।बैठक में समाजसेवी व पहलवान अमित भाटी ने समाज को एकजुट होकर संगठित प्रयास करने की प्रेरणा दी। बैठक में समाजहित से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई और आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की गई। संगठन ने संकल्प लिया कि शिक्षा, सामाजिक समानता और राजनीतिक भागीदारी जैसे अहम विषयों पर संगठन निरंतर कार्य करता रहेगा।

इस बैठक में अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी व समाज के सम्मानित व्यक्तियों ने भाग लिया जिनमें प्रमुख रूप से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ईश्वर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष चंद्रवीर नागर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुखबीर सिंह आर्य, संगठन महामंत्री अमरजीत चौधरी, महामंत्री चेनपाल प्रधान, उपाध्यक्ष श्याम सिंह, क्षेत्रीय अध्यक्ष कृष्णपाल गुर्जर, क्षेत्रीय महामंत्री अरविंद भाटी, जिला अध्यक्ष (गौतम बुद्ध नगर) कैप्टन पंचशील गुर्जर, समाजसेवी अमित पहलवान, मेरठ जिला अध्यक्ष नरेंद्र भड़ाना, अमित विकल व राजू भाटी सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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IHGF स्प्रिंग 2025 दिल्ली मेला भारतीय भव्यता को दुनिया के सामने करेगा पेश, एक रोमांचक सोर्सिंग सीजन की उम्मीद https://chitrakootnews.in/2025/04/15/ihgf-spring-2025-delhi-fair-will-showcase-indian-grandeur-to-the-world-an-exciting-sourcing-season-expected/ https://chitrakootnews.in/2025/04/15/ihgf-spring-2025-delhi-fair-will-showcase-indian-grandeur-to-the-world-an-exciting-sourcing-season-expected/#respond Tue, 15 Apr 2025 13:09:16 +0000 https://sancharnow.com/?p=28447 संचार नाउ। भारत के लाइफस्टाइल फैशन, हस्तशिल्प और गिफ्ट उत्पादों का दुनिया का सबसे प्रमुख और सबसे सक्रिय सोर्सिंग प्लेटफॉर्म अपने 59वें संस्करण के साथ लौट रहा है, इसमें 100+ देशों के 3000+ प्रदर्शक और पहले से रजिस्टर्ड खरीदार शामिल होंगे। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) द्वारा आयोजित आईएचजीएफ दिल्ली मेला– स्प्रिंग 2025 का आगामी 59वां संस्करण, 16 से 19 अप्रैल 2025 तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर ऐंड मार्ट में आयोजित किया जा रहा है।

दरअसल, यह संस्करण एक सु-व्यवस्थित लेआउट का दावा करता है जिसमें बड़े हॉलों को 16 प्रमुख प्रदर्शनी क्षेत्रों के लिए समर्पित किया गया है; इनमें होम डेकोर ऐंड एक्सेंट समेत होम फर्निशिंग, कारपेट्स एवं रग्स; टेक्स्टाइल एवं लिनन; गिफ्ट एवं प्रीमियम्स; इंटीरियर्स; फर्नीचर; फैशन ज्वेलरी; बैग एवं एक्सेसरीज; लैंप एवं लाइटिंग एक्सेसरीज; आउटडोर एवं गार्डेन; अरोमा, स्पा एवं लाइफस्टाइल; क्रिसमस एवं फेस्टिव डेकोर; किचन एवं डिनरवेयर; बाथरूम एक्सेसरीज; बेंत, बांस, कागज एवं पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद; बच्चों एवं शिशुओं के खिलौने एवं एक्सेसरीज शामिल हैं।

इस अवसर पर ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा, “दुनिया भर से खरीदारों की काफी बड़ी संख्या के साथ, हमारे प्रदर्शक इस स्प्रिंग संस्करण को भारतीय हस्तशिल्प क्षेत्र का एक अत्यधिक महत्वपूर्ण मंच बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यहां पेश किए गए उत्पाद सस्टेनेबल हैं, उनमें हाथ से अतिरिक्त कारीगरी जोड़ी गई है और उनकी कलात्मकता पर विशेष ध्यान दिया गया है। होम, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्नीशिंग, फर्नीचर और इंटीरियर डिवीजनों को एक साथ लाकर, यह मेला नए उत्पादों की खोज करने, नई जानकारी हासिल करने और उपयोगी साझेदारी के लिए एकजुट होने के लिए एक वास्तविक वातावरण प्रदान करता है। यह संस्करण कई रोमांचक नई पहलों का साक्षी बनेगा, जिसमें क्षेत्रीय डेकोरेटिव-यूटिलिटी लाइन एवं फर्निशिंग, नए उत्पादों की एक नई सिरीज और स्टार्ट-अप का समावेश शामिल हैं। इसके अलावा, धातु पर उकेरी गई आकृति, लाह की चूड़ी का निर्माण, मधुबनी पेंटिंग और पश्मीना शॉल समेत छह शिल्पों के लाइव क्राफ्ट प्रदर्शन भी यहां किए जा रहे हैं। निफ्ट/एनआईडी/आईआईटी के डिजाइनर/पूर्व छात्र परिपत्र और पुनर्नवीनीकृत सामग्री पर विशेष ध्यान देते हुए अपने अभिनव उत्पाद डिजाइन प्रदर्शित भी करेंगे।”

वही ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य सलाहकार और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा, “भारत की बेमिसाल विविधता और शिल्प कौशल का लाभ उठाते हुए, यह मेला एक स्थापित, प्रगतिशील और एक निश्चित वैश्विक सोर्सिंग हब के रूप में है। हमारा उद्देश्य है कि यह मेला सभी प्रकार के खरीदारों के लिए सोर्सिंग गंतव्य बने- चाहे वो बड़े थोक विक्रेता, आयातक, विशिष्ट खरीदार और स्पेशलिटी रिटेलर्स हों।”

वर्तमान वैश्विक व्यापार परिदृश्य पर डॉ. कुमार ने कहा, “मेले के इस संस्करण पर अमेरिका के लगाए टैरिफ का कोई खास असर होने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि हम अमेरिकी खरीदारों की ओर से मजबूत भागीदारी देख रहे हैं और बड़ी संख्या में उन्होंने पहले ही रजिस्ट्रेशन करा लिया है। अमेरिकी टैरिफ केवल भारत तक सीमित नहीं हैं – वो वैश्विक स्तर पर लगाए गए हैं। चीन, वियतनाम और कंबोडिया जैसे प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में भारत पर अपेक्षाकृत कम टैरिफ लागू होते हैं। इसके अलावा, अमेरिका ने उच्च टैरिफ दरों पर 90-दिनों की रोक लगाई है जो भारत के लिए सही समय परबाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (बीटीए) में शामिल होने का अवसर प्रदान करता है। मुझे पूरा विश्वास है कि भारत सरकार इस अवसर का लाभ उठाएगी और व्यापार-अनुकूल समझौते का रास्ता निकलेगा, जिससे अमेरिकी बाजार में हमारी स्थिति और मजबूत होगी।”

मेले के प्रति उत्साह को बढ़ाते हुए आईएचजीएफ दिल्ली मेला-स्प्रिंग 2025 के स्वागत समिति के अध्यक्ष श्री निर्मल भंडारी ने कहा की इस मेले में कारीगरों द्वारा लाइव शिल्प प्रदर्शन, नॉलेज सेशन और डिस्प्ले अवार्ड भी शामिल हैं। ईपीसीएच वर्ल्ड एक समर्पित पवेलियन है, जो हस्तशिल्प क्षेत्र की सेवा के लिए प्रतिबद्ध ईपीसीएच की 40 वर्षों की यात्रा को दर्शाता है, जो वर्षों से ईपीसीएच की पहल को उजागर करता है I फैशन शो में हस्तशिल्प परिधानों, फैशन आभूषणों और एक्सेसरीज के उत्कृष्ट संग्रह प्रदर्शित किए जाएंगे। यह चार दिवसीय भव्य आयोजन उद्योग से जुड़े पेशेवरों और शिल्प प्रेमियों के लिए एक समृद्ध अनुभव का वादा करता है। हस्तशिल्प क्लस्टर्स, उत्पादन केंद्रों और कारीगर गांवों की मजबूत भागीदारी के साथ पूरे भारत से इस मेले में 3000 से अधिक प्रदर्शक शामिल होंगे।

सौ से अधिक देशों से खरीददार होंगे शामिल

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर.के. वर्मा ने कहा कि शो में आने वाले आगंतुकों में थोक व्यापारी, वितरक, चेन स्टोर, डिपार्टमेंटल स्टोर, खुदरा विक्रेता, मेल-ऑर्डर कंपनियां, ब्रांड के मालिक, खरीद घराने और डिजाइनर और ट्रेंड का पूर्वानुमान लगाने वालों के अलावा खरीद प्रतिनिधि और घरेलू वॉल्यूम खरीदार समेत दुनिया भर के विदेशी खरीदार शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, पनामा, पेरू, फिलीपींस, पुर्तगाल, रूसी संघ, सऊदी अरब, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और कई अन्य समेत 100 से अधिक देशों के विदेशी खरीदारों के मेले में आने की उम्मीद है।

इन कंपनियों/डिपोर्टमेंटल स्टोर्स के प्रतिनिधियों होंगे शामिल

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि जिन कंपनियों/डिपोर्टमेंटल स्टोर्स के प्रतिनिधियों ने पहले ही इस शो में आने की पुष्टि कर दी है उनमें गार्सिया रेगुएरा एसआरएल, अर्जेंटीना; एल एंड एम होम, ऑसबॉन्ड रग्स, ऑस्ट्रेलिया; इंटरस्पर जीएमबीएच, ऑस्ट्रिया; रिबेरो ई पावानी, ब्राजील; बर्डीज नेस्ट, कनाडा; जेफिना, डेनमार्क; ला मैसन, एसोटेरिक्स इम्पोर्ट, फ्रांस; कोकोसीबर्लिन, जर्मनी; पॉश लिविंग कंपनी लिमिटेड, जापान; पीएस फैशन, मेक्सिको; ईएल कॉर्टे इंगल्स, साइनेस ग्रिमाल्ट, एस.ए., स्पेन; एंगलुंड-ग्रुपेन फ्लोरिंग एबी, स्वीडन; कार्पेट्स इंटरनैशनल थाइलैंड पीएलसी, थाइलैंड; बेला मैसन, तुर्की; लाइफस्टाइल होम कलेक्शन बीवी, नीदरलैंड्स; होम बॉक्स, लैंडमार्क ग्रुप, होम सेंटर, यूएई; सेकंड नेचर ऑनलाइन, कलिनरी कॉन्सेप्ट्स, यूनाइटेड किंगडम; एप्रोपोस इंटरनैशनल इंक, कर्मा हाइवे, ड्यूक इम्पोर्ट्स इंक, स्टाइलक्राफ्ट होम, आरएच रेस्टोरेशन हार्डवेयर, ट्वॉज कंपनी वीसीएनवाई होम, यूएसए और कई अन्य शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 के दौरान हस्तशिल्प का अनुमानित अस्थायी (प्रोविजनल) निर्यात 33,490.79 करोड़ रुपये (3959.86 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का रहा।

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में लीजबैक के प्रकरणों पर 14 अप्रैल को प्रस्तावित सुनवाई टली https://chitrakootnews.in/2025/04/11/the-hearing-on-leaseback-cases-in-greater-noida-authority-proposed-on-april-14-has-been-postponed/ https://chitrakootnews.in/2025/04/11/the-hearing-on-leaseback-cases-in-greater-noida-authority-proposed-on-april-14-has-been-postponed/#respond Fri, 11 Apr 2025 14:20:22 +0000 https://sancharnow.com/?p=28297 ग्रेटर नोएडा (संचार नाउ)। किसानों के लीज बैक के प्रकरणों को निस्तारित करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से आगामी 14 अप्रैल को प्रस्तावित सुनवाई स्थगित कर दी गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी भूलेख गिरीश कुमार झा ने बताया कि 14 अप्रैल को सिरसा और खेड़ा चौगानपुर की सुनवाई प्रस्तावित थी, लेकिन 14 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश है । इस वजह से यह सुनवाई स्थगित करनी पड़ी है। इन गांवों के लीज बैक के प्रकरणों पर सुनवाई की अगली तिथि शीघ्र घोषित की जाएगी।

इससे पहले 11 अप्रैल को प्रस्तावित मायचा गांव के किसानों की सुनवाई भी अपरिहार्य कारणों से टालनी पड़ी है। इनके लिए भी सुनवाई की तिथि जल्द घोषित की जाएगी। दरअसल, किसानों की मांग पर लीज बैक के प्रकरणों को निस्तारित करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आबादी व्यवस्थापन के लिए बनी समिति ने पुनः सुनवाई कर रही है।

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गीले कूड़े के निस्तारण से बनेगी बायो सीएनजी गैस, ग्रेनो प्राधिकरण को होगी आमदनी https://chitrakootnews.in/2025/04/11/bio-cng-gas-will-be-produced-from-the-disposal-of-wet-garbage/ https://chitrakootnews.in/2025/04/11/bio-cng-gas-will-be-produced-from-the-disposal-of-wet-garbage/#respond Fri, 11 Apr 2025 14:13:14 +0000 https://sancharnow.com/?p=28294 ग्रेटर नोएडा (संचार नाउ)। ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ शहर बनाने की दिशा में प्राधिकरण ने बड़ी पहल की है। ग्रेटर नोएडा गीले कूड़े को निस्तारित करने के लिए प्राधिकरण ने रिलायंस बायो एनर्जी कंपनी को बायो सीएनजी प्लांट बनाने के लिए अस्तौली में लगभग 11.5 एकड़ जमीन लीज पर दे दी है। जमीन पर पजेशन भी दे दिया है। रिलायंस बायो एनर्जी ने शुक्रवार से प्लांट का निर्माण शुरू कर दिया है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर प्राधिकरण की तरफ से 300 टन रोजाना गीले कूड़े को प्रोसेस करने के लिए आरएफपी निकाला गया था। रिलायंस बायो एनर्जी कंपनी ने भी इसमें हिस्सा लिया। आरएफपी के जरिए रिलायंस बायो एनर्जी को सितंबर 2024 में इस प्रोजेक्ट को बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई और मार्च 2025 में इसका एग्रीमेंट किया गया। ग्रेटर नोएडा के अस्तौली गांव में लगभग 11.5 एकड़ जमीन रिलायंस एनर्जी को 25 वर्ष के लिए लीज पर दी गई है।

प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया कि रिलायंस बायो एनर्जी इस प्लांट पर गीले कूड़े को प्रोसेस कर बायो सीएनजी गैस बनाएगी, जो कि वाहनों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल हो सकेगा। साथ ही कूड़े को प्रोसेस करने के एवज में प्राधिकरण को 225 रुपये प्रति टन की रॉयल्टी मिलेगी। 300 टन प्रतिदिन कूड़े को प्रोसेस करने के लिए प्राधिकरण को कोई खर्चा भी नहीं करना पड़ेगा। यह प्लांट डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार का कहना है कि बायो सीएनजी प्लांट के लगने से ग्रेटर नोएडा में गीले कूड़े को प्रोसेस करने की समस्या हल हो जाएगी। इससे ईंधन भी मिलेगा और प्राधिकरण को आमदनी भी होगी।

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ग्रेटर नोएडा में मच्छरों का कहर, दवा छिड़काव में लापरवाही से बढ़ा संक्रमण का खतरा https://chitrakootnews.in/2025/04/10/mosquitoes-wreak-havoc-in-greater-noida-risk-of-infection-increased-due-to-negligence-in-spraying-medicine/ https://chitrakootnews.in/2025/04/10/mosquitoes-wreak-havoc-in-greater-noida-risk-of-infection-increased-due-to-negligence-in-spraying-medicine/#respond Thu, 10 Apr 2025 06:41:40 +0000 https://sancharnow.com/?p=28240

ग्रेटर नोएडा (संचार नाउ)। ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों, हाउसिंग सोसाइटियों और ग्रामीण इलाकों में मच्छरों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, जिससे डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग द्वारा मच्छरों से बचाव हेतु अब तक किसी प्रकार की फॉगिंग या कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं कराया गया है।

निवासियों का कहना है कि तापमान बढ़ने के साथ ही मच्छरों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया गया है। “हर शाम सोसायटी में मच्छरों की भरमार हो जाती है, बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है,”

ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी गंभीर है। गांवों में खुले नाले और रुका हुआ पानी मच्छरों के पनपने के लिए उपयुक्त माहौल बना रहे हैं। गांववासी बताते हैं कि काफी समय से नियमित फॉगिंग नहीं कराई गई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रैल-मई में मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ती है और यह वह समय होता है जब कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाना बेहद जरूरी होता है। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले हफ्तों में मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप और अधिक फैल सकता है।

प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी व अधिकारियों के उदासीनता ने इस पूरे मामले में कई सवाल खड़े कर रही है। स्थानीय लोगों की मांग है कि तुरंत सभी सेक्टरों, सोसाइटियों और गांवों में फॉगिंग और एंटी-लार्वा दवाओं का छिड़काव शुरू किया जाए, ताकि स्थिति नियंत्रण में लाई जा सके।

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सोसाइटी के कूड़े का निस्तारण न करने पर भी अजनारा होम्स पर दो लाख की पेनल्टी https://chitrakootnews.in/2025/04/09/ajnara-homes-fined-rs-2-lakh-for-not-disposing-of-societys-garbage/ https://chitrakootnews.in/2025/04/09/ajnara-homes-fined-rs-2-lakh-for-not-disposing-of-societys-garbage/#respond Wed, 09 Apr 2025 14:20:33 +0000 https://sancharnow.com/?p=28208 ग्रेटर नोएडा (संचार नाउ)। कूड़े का उचित प्रबंधन न करने पर बल्क वेस्ट जनरेटरों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा की तरफ से कार्रवाई जारी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जनस्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर 16बी स्थित अजनारा होम्स सोसाइटी पर 2.01 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई गई है। इससे पहले बुधवार को प्राधिकरण के जल विभाग की तरफ से वाटर टैंक की सफाई में लापरवाही करने पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

अजनारा होम्स सोसाइटी के निवासियों की शिकायत पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग की टीम बृहस्पतिवार को कूड़ा निस्तारण की जांच करने पहुंची। वरिष्ठ प्रबंधक स्वास्थ्य सन्नी यादव ने बताया कि टीम को सोसाइटी के बेसमेंट में कूड़े का ढेर मिला। अजनारा होम्स की तरफ से कूड़े का निस्तारण उचित तरीके से नहीं किया जा रहा था। साथ ही सेनेटरी वेस्ट को भी प्रोसेस नहीं किया जा रहा था, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अजनारा होम्स सोसाइटी पर 2.01 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।प्राधिकरण ने जुर्माने की रकम को तीन कार्य दिवस में जमा कराने को कहा है। प्राधिकरण के ओएसडी अभिषेक पाठक ने चेतावनी दी है कि सभी बल्क वेस्ट जनरेटर अपने कूड़े का निस्तारण खुद से करना सुनिश्चित करें अन्यथा उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने सभी बल्क वेस्ट जनरेटरों को कूडे़ का उचित प्रबंधन करने और ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ बनाए रखने में सभी निवासियों से सहयोग करने की अपील की है। बता दें, कि इससे पहले बुधवार को पानी की गुणवत्ता जांचने पहुंची प्राधिकरण के जल विभाग की टीम को सोसाइटी के अंदर बने जलाशयों की साफ-सफाई उचित न मिलने पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

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उत्तर प्रदेश में पहली बार हुई दुर्लभ टू-लेवल लंबर डिस्क रिप्लेसमेंट सर्जरी, फोर्टिस ग्रेटर नोएडा ने रचा इतिहास https://chitrakootnews.in/2025/04/09/rare-two-level-lumbar-disc-replacement-surgery-done-for-the-first-time-in-uttar-pradesh-fortis-greater-noida-creates-history/ https://chitrakootnews.in/2025/04/09/rare-two-level-lumbar-disc-replacement-surgery-done-for-the-first-time-in-uttar-pradesh-fortis-greater-noida-creates-history/#respond Wed, 09 Apr 2025 14:08:37 +0000 https://sancharnow.com/?p=28205 संचार नाउ। चिकित्सा क्षेत्र में फोर्टिस हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उत्तर प्रदेश में पहली बार और फोर्टिस हेल्थकेयर ग्रुप में पहली बार, यहां की विशेषज्ञ टीम ने एक अत्यंत दुर्लभ और जटिल टू-लेवल लंबर डिस्क रिप्लेसमेंट सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह दुर्लभ सर्जरी पूर्व भारतीय राष्ट्रीय पदक विजेता एथलीट हरपाल सिंह की हुई, जो अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

इस प्रकार की सर्जरी दुनिया भर में दुर्लभ मानी जाती है। आंकड़ों के अनुसार, लंबर डिस्क रिप्लेसमेंट सर्जरी सभी स्पाइन सर्जरी के मुकाबले 1% से भी कम होती है, और जब बात टू-लेवल लंबर डिस्क रिप्लेसमेंट की आती है, तो यह पूरी दुनिया में 0.1% से भी कम मामलों में की जाती है। भारत में अब तक केवल चार चिकित्सा केंद्रों ने इस जटिल प्रक्रिया को अंजाम दिया है, और इससे पहले दिल्ली-एनसीआर के केवल तीन अस्पताल ही इसे करने में सक्षम थे।

यह जटिल सर्जरी डॉ. हिमांशु त्यागी (हेड, स्पाइन एंड ऑर्थोपेडिक सर्जरी) के नेतृत्व में हुई। साथ ही टीम में डॉ. मोहित शर्मा और डॉ. राजेश मिश्रा भी शामिल रहे। सर्जरी को सफल बनाने में डॉ. भूप सिंह (हेड, एनेस्थीसिया), डॉ. जगदीश चंदर (हेड, सर्जरी डिपार्टमेंट) और एक अनुभवी वैस्कुलर सर्जन की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

41 वर्षीय हरपाल सिंह, जो कि पूर्व भारतीय राष्ट्रीय पदक विजेता एथलीट हैं, कई वर्षों से गंभीर कमर दर्द से परेशान थे। 2007 में एक स्पाइन सर्जरी के बावजूद उनकी स्थिति बिगड़ती गई। नई जाँच में एल4-5 और एल5-एस1 स्तरों पर डिस्क डीजेनेरेशन और एल3-4 स्तर पर स्पाइनल अस्थिरता का पता चला। उनकी युवावस्था और सक्रिय जीवनशैली को ध्यान में रखते हुए, विशेषज्ञों ने एल3-4 पर फ्यूजन और एल4-5 तथा एल5-एस1 पर कृत्रिम डिस्क ट्रांसप्लांट का निर्णय लिया।

डॉ. हिमांशु त्यागी ने बताया कि यह सर्जरी दो चरणों में, एंटीरियर (सामने से) अप्रोच के जरिए की गई, जो तकनीकी रूप से बेहद जटिल मानी जाती है। इस प्रक्रिया में प्रमुख रक्त वाहिकाओं, पेट के अंगों और नसों को क्षति पहुंचने का जोखिम होता है, जिससे आंतरिक रक्तस्राव, लकवा या लम्बे समय तक विकलांगता का खतरा रहता है। लेकिन फोर्टिस ग्रेटर नोएडा की अनुभवी टीम ने यह चुनौतीपूर्ण सर्जरी बिना किसी जटिलता के सफलतापूर्वक पूरा किया।

सर्जरी के बाद हरपाल सिंह अगले दिन से चलने में सक्षम हो गए, और बिना किसी न्यूरोलॉजिकल समस्या के चौथे दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वह स्वतंत्र रूप से चल-फिरने के साथ ही सीढ़ियाँ चढ़ सकते हैं। इस तरह सर्जरी से उन्हें एक नया जीवन मिला।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं फैसिलिटी डायरेक्टर, डॉ. प्रवीण कुमार ने कहा, “यह अभूतपूर्व उपलब्धि हमारी मेडिकल टीम की असाधारण क्षमताओं और फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के उन्नत ढाँचे का उदाहरण है। दो-स्तरीय लंबर डिस्क रिप्लेसमेंट को सटीकता से करना एक मुश्किल काम है। हमें गर्व है कि उत्तर प्रदेश में पहली बार इस स्तर की केयर प्रदान की है।”
अपना आभार व्यक्त करते हुए श्री हरपाल सिंह (मरीज़) ने कहा: “मैं कई वर्षों से लगातार दर्द में जी रहा था और लगभग उम्मीद खो चुका था। इलाज की आखिरी उम्मीद के तौर पर मैं कनाडा से भारत आया। फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के बेहतरीन डॉक्टरों की बदौलत, मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मुझे एक नई ज़िंदगी मिल गई हो। बिना दर्द के फिर से चल पाना किसी चमत्कार से कम नहीं है।”

यह ऐतिहासिक सफलता फोर्टिस हेल्थकेयर ग्रुप के लिए एक मील का पत्थर है और ग्रेटर नोएडा को जटिल स्पाइन सर्जरी के एक उन्नत चिकित्सा केंद्र के रूप में स्थापित करती है।

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न्यू आगरा शहर: यमुना प्राधिकरण का मास्टर प्लान 2031 में शामिल, 12200 हेक्टेयर में बसेगा हरित और आधुनिक शहर https://chitrakootnews.in/2025/04/08/new-agra-city-included-in-yamuna-authoritys-master-plan-2031/ https://chitrakootnews.in/2025/04/08/new-agra-city-included-in-yamuna-authoritys-master-plan-2031/#respond Tue, 08 Apr 2025 15:44:33 +0000 https://sancharnow.com/?p=28173

संचार नाउ। उत्तर प्रदेश के तेजी से विकसित हो रहे यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में अब एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। यमुना प्राधिकरण के मास्टर प्लान-2031 में “न्यू आगरा सिटी” को आधिकारिक मंजूरी मिल चुकी है। यह शहर आधुनिक सुविधाओं, हरित वातावरण और योजनाबद्ध विकास के मॉडल पर आधारित होगा।

12200 हेक्टेयर में फैला होगा हरित शहर

न्यू आगरा शहर को 12200 हेक्टेयर भूमि में बसाने की योजना है। यह क्षेत्र यमुना एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 156 से 165 तक फैला होगा। खास बात यह है कि यह शहर चंडीगढ़ की तर्ज पर ग्रीनलैंड सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें हर सेक्टर और सड़कों के साथ ग्रीन बेल्ट विकसित की जाएगी।

सात प्रकार की सड़कें और सुनियोजित सेक्टर

न्यू आगरा सिटी में सेक्टर साइज 800 मीटर x 1200 मीटर रखा गया है। शहर में सात प्रकार की सड़कें होंगी — जिनमें फास्ट रोड बाहरी इलाकों को जोड़ेंगी और अंदरूनी हिस्सों के लिए रेजिडेंशियल रोड अलग से बनाए जाएंगे। इससे यातायात व्यवस्था बेहतर होगी और भीड़भाड़ से मुक्ति मिलेगी।

जमीन के उपयोग का अनुपात इस प्रकार रहेगा:

  • 29% रेजिडेंशियल

  • 5% कमर्शियल

  • 17% इंडस्ट्रियल

  • 4% मिक्स्ड यूज

  • 22% ग्रीन स्पेस

  • 7% पब्लिक और सेमी-पब्लिक सुविधाएं

  • 16% ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क

लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट हब होंगे केंद्र में

इस शहर को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए इसमें मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक हब और ट्रांसपोर्ट हब विकसित किए जाएंगे। इसके अलावा थीम पार्क, एम्यूज़मेंट पार्क और पर्यावरण के अनुकूल ग्रीन स्पेस भी शहर की खूबसूरती और सुविधा को बढ़ाएंगे।

शिक्षा और स्वास्थ्य में भी नया मॉडल

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने जानकारी दी कि शहर में स्कूल और अस्पताल को एक नए कांसेप्ट पर विकसित किया जाएगा, जिसमें सरकारी और गैर-सरकारी दोनों तरह की संस्थाएं शामिल होंगी। इस परियोजना में 58 गांवों को शामिल किया गया है। यदि सहमति के आधार पर जमीन उपलब्ध होती है तो विकास प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी, लेकिन यदि अधिग्रहण करना पड़ा तो 2 वर्ष का समय लग सकता है।

यह परियोजना यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में आने वाले समय में रोजगार, निवेश और जीवन गुणवत्ता के नए अवसर लेकर आएगी। मास्टर प्लान के बाद अब जोनल प्लान की तैयारी की जा रही है, जिसे बोर्ड की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा। यमुना प्राधिकरण का यह प्रयास उत्तर प्रदेश के भविष्य को हरित, सुव्यवस्थित और वैश्विक मानकों पर खड़ा करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।

ग्रीन और व्हाइट कैटेगरी उद्योग होंगे स्थापित

पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए केवल कम प्रदूषण वाले ग्रीन और व्हाइट कैटेगरी के उद्योग स्थापित किए जाएंगे। इनमें प्रमुख रूप से:

  • इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक आइटम

  • सोलर मॉड्यूल

  • ऑप्टिकल लेंस

  • ईवी और हाइड्रोजन एनर्जी आधारित उद्योग शामिल होंगे।

इन उद्योगों का प्रदूषण स्तर 0-10% के बीच रहेगा, जिससे यह शहर वायु प्रदूषण की समस्या से बचा रहेगा।

पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा

न्यू आगरा शहर में पर्यटन की दृष्टि से भी सुविधाएं विकसित की जाएंगी, ताकि यह क्षेत्र न केवल औद्योगिक केंद्र बने बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हो।

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