greater noida authority – Chitrakoot News https://chitrakootnews.in Wed, 16 Apr 2025 13:41:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 ग्रेटर नोएडा में मलकपुर के 47 किसानों को मिले आबादी भूखंड https://chitrakootnews.in/2025/04/16/47-farmers-of-malakpur-got-residential-plots-in-greater-noida/ https://chitrakootnews.in/2025/04/16/47-farmers-of-malakpur-got-residential-plots-in-greater-noida/#respond Wed, 16 Apr 2025 13:41:27 +0000 https://sancharnow.com/?p=28503 ग्रेटर नोएडा ( संचार नाउ)। ग्रेटर नोएडा के 47 किसानों को छह फीसदी आबादी भूखंड मिल गया है, जिसमें से समान आकार के 13 भूखंडों का आवंटन ड्रा के माध्यम से किया गया। बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड रूम में दादरी विधायक तेजपाल नागर, जिलाध्यक्ष अभिषेक शर्मा, एसीईओ सुनील कुमार सिंह और ओएसडी गिरीश कुमार झा की मौजूदगी में ड्रा संपन्न कराया गया। पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए ड्रा प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी भी कराई गई।

दरअसल, मलकपुर के किसानों की जमीन का अधिग्रहण करने के बाद से लंबे अर्से से छह फीसदी आवासीय भूखंड लंबित थे। इन किसानों ने भूखंड पाने के लिए प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार से भी गुहार लगाई थी। सीईओ ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को आबादी भूखंड शीघ्र देने के निर्देश दिए। इन किसानों को अब भूखंड मिल गए हैं।

प्राधिकरण के भूलेख विभाग के ओएसडी गिरीश कुमार झा ने बताया कि मलकपुर के कुल 47 किसानों को छह फीसदी भूखंड दिया जाना था, जिनमें समान आकार वाले 13 भूखंडों का आवंटन ड्रा के माध्यम से किया गया। 8 भूखंडों से जुडे़ किसानों के बीच आपसी सहमति बन जाने से उनको भी भूखंड आवंटित कर दिए गए। इस तरह कुल 21 भूखंडों का आवंटन आपसी सहमति से हो गया। शेष 26 भूखंड अलग-अलग आकार के होने के कारण प्राधिकरण से किसानों के नाम सीधे आवंटित कर दिए गए। ड्रॉ प्रक्रिया की पारदर्शिता के मद्देनजर इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। विधायक तेजपाल नागर और भाजपा जिलाध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की पारदर्शी प्रक्रिया की सहराना की। भूखंड पाने वाले किसानों ने खुशी जताते हुए प्राधिकरण के प्रति आभार जताया। प्राधिकरण के एसीईओ सुनील कुमार सिंह ने कहा है कि इन सभी किसानों को आवंटन पत्र जल्द जारी कर दिए जाएंगे। उसके बाद लीज डीड की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा है कि मलकपुर की तरह ही अन्य गांवों के पात्र किसानों को भी आबादी के भूखंड आवंटित किए जाएंगे। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने अन्य गांवों के सभी पात्र किसानों को आबादी भूखंड शीघ्र दिए जाने का आश्वासन दिया। इस दौरान नियोजन के वरिष्ठ प्रबंधक सुधीर कुमार, प्रबंधक प्रमोद कुमार, संदीप रावल आदि मौजूद रहे।

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ग्रेटर नोएडा में विकास के नाम पर पर्यावरण की बलि: पेड़ों की कटाई विकास की कीमत या लापरवाही ? https://chitrakootnews.in/2025/04/16/environment-is-sacrificed-in-the-name-of-development-in-greater-noida/ https://chitrakootnews.in/2025/04/16/environment-is-sacrificed-in-the-name-of-development-in-greater-noida/#respond Wed, 16 Apr 2025 11:47:44 +0000 https://sancharnow.com/?p=28473

ग्रेटर नोएडा (संचार नाउ)। अप्रैल की शुरुआत के साथ ही गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। जहां एक ओर पूरे देश में गर्मी से राहत पाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए लाखों पेड़ लगाने की मुहिम जोरों पर है, वहीं ग्रेटर नोएडा में विकास के नाम पर बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई का सिलसिला जारी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा 130 मीटर चौड़ी सड़क के चौड़ीकरण के लिए सेक्टर ओमिक्रोन तीन के सामने ठेकेदारों के माध्यम से दर्जनों पुराने पेड़ काटे जा रहे हैं। इस कार्रवाई ने न केवल स्थानीय निवासियों बल्कि पर्यावरणविदों को भी चिंता में डाल दिया है। सवाल यह उठता है कि क्या विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन संभव नहीं है? क्या पेड़ों को काटने के बजाय कोई वैकल्पिक समाधान नहीं खोजा जा सकता?

दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण हर साल लाखों पेड़ लगाने का दावा करता है। इन पेड़ों को शहर की हरियाली बढ़ाने और पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए लगाया जाता है। लेकिन 130 मीटर सड़क चौड़ीकरण परियोजना के तहत सड़क के बीच में मौजूद पुराने पेड़ों को बेरहमी से काटा जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ये पेड़ न केवल ऑक्सीजन का प्रमुख स्रोत थे, बल्कि गर्मी में राहत और पक्षियों के लिए आश्रय भी प्रदान करते थे।

प्राधिकरण की लापरवाही या ठेकेदारों की मनमानी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की जानकारी के बिना ही ठेकेदार के द्वारा पेड़ो की कटाई की जा रही है। ठेकेदार बिना उचित अनुमति और पर्यावरणीय मंजूरी के पेड़ काट रहे हैं। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई से पहले वैकल्पिक उपायों पर विचार करना अनिवार्य है। इसके अलावा, कटाई की अनुमति लेना और प्रतिपूरक वृक्षारोपण करना भी जरूरी है। लेकिन ग्रेटर नोएडा में इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है।

वैकल्पिक समाधान: पेड़ों को शिफ्ट करने की तकनीक

सड़क चौड़ीकरण के लिए पेड़ों को काटना ही एकमात्र रास्ता नहीं है। आधुनिक तकनीकों के माध्यम से पेड़ों को उनकी जड़ों सहित दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है। ‘ट्री ट्रांसलोकेशन’ के नाम से मशहूर यह तकनीक कई भारतीय शहरों में सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है। इस प्रक्रिया में विशेषज्ञों की मदद से पेड़ों को सावधानीपूर्वक खोदा जाता है और उनकी जड़ों को सुरक्षित रखते हुए नई जगह पर रोपा जाता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भी इस दिशा में कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा, सड़क के डिज़ाइन में बदलाव कर पेड़ों को बचाने की कोशिश की जा सकती है। उदाहरण के लिए, सड़क को थोड़ा मोड़कर या अंडरपास बनाकर पेड़ों को संरक्षित किया जा सकता है।

विकास और पर्यावरण के बीच स्थापित हो संतुलन

ग्रेटर नोएडा में 130 मीटर सड़क चौड़ीकरण परियोजना विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है, लेकिन इसके लिए पेड़ों की बलि देना उचित नहीं है। प्राधिकरण को ठेकेदारों की लापरवाही पर अंकुश लगाना होगा और पेड़ों को शिफ्ट करने जैसे वैकल्पिक समाधानों को अपनाना होगा। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाली पीढ़ियों को गर्मी, प्रदूषण और पर्यावरणीय असंतुलन की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। यह समय है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित कर एक मिसाल कायम करे।

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में लीजबैक के प्रकरणों पर 14 अप्रैल को प्रस्तावित सुनवाई टली https://chitrakootnews.in/2025/04/11/the-hearing-on-leaseback-cases-in-greater-noida-authority-proposed-on-april-14-has-been-postponed/ https://chitrakootnews.in/2025/04/11/the-hearing-on-leaseback-cases-in-greater-noida-authority-proposed-on-april-14-has-been-postponed/#respond Fri, 11 Apr 2025 14:20:22 +0000 https://sancharnow.com/?p=28297 ग्रेटर नोएडा (संचार नाउ)। किसानों के लीज बैक के प्रकरणों को निस्तारित करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से आगामी 14 अप्रैल को प्रस्तावित सुनवाई स्थगित कर दी गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी भूलेख गिरीश कुमार झा ने बताया कि 14 अप्रैल को सिरसा और खेड़ा चौगानपुर की सुनवाई प्रस्तावित थी, लेकिन 14 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश है । इस वजह से यह सुनवाई स्थगित करनी पड़ी है। इन गांवों के लीज बैक के प्रकरणों पर सुनवाई की अगली तिथि शीघ्र घोषित की जाएगी।

इससे पहले 11 अप्रैल को प्रस्तावित मायचा गांव के किसानों की सुनवाई भी अपरिहार्य कारणों से टालनी पड़ी है। इनके लिए भी सुनवाई की तिथि जल्द घोषित की जाएगी। दरअसल, किसानों की मांग पर लीज बैक के प्रकरणों को निस्तारित करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आबादी व्यवस्थापन के लिए बनी समिति ने पुनः सुनवाई कर रही है।

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गीले कूड़े के निस्तारण से बनेगी बायो सीएनजी गैस, ग्रेनो प्राधिकरण को होगी आमदनी https://chitrakootnews.in/2025/04/11/bio-cng-gas-will-be-produced-from-the-disposal-of-wet-garbage/ https://chitrakootnews.in/2025/04/11/bio-cng-gas-will-be-produced-from-the-disposal-of-wet-garbage/#respond Fri, 11 Apr 2025 14:13:14 +0000 https://sancharnow.com/?p=28294 ग्रेटर नोएडा (संचार नाउ)। ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ शहर बनाने की दिशा में प्राधिकरण ने बड़ी पहल की है। ग्रेटर नोएडा गीले कूड़े को निस्तारित करने के लिए प्राधिकरण ने रिलायंस बायो एनर्जी कंपनी को बायो सीएनजी प्लांट बनाने के लिए अस्तौली में लगभग 11.5 एकड़ जमीन लीज पर दे दी है। जमीन पर पजेशन भी दे दिया है। रिलायंस बायो एनर्जी ने शुक्रवार से प्लांट का निर्माण शुरू कर दिया है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर प्राधिकरण की तरफ से 300 टन रोजाना गीले कूड़े को प्रोसेस करने के लिए आरएफपी निकाला गया था। रिलायंस बायो एनर्जी कंपनी ने भी इसमें हिस्सा लिया। आरएफपी के जरिए रिलायंस बायो एनर्जी को सितंबर 2024 में इस प्रोजेक्ट को बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई और मार्च 2025 में इसका एग्रीमेंट किया गया। ग्रेटर नोएडा के अस्तौली गांव में लगभग 11.5 एकड़ जमीन रिलायंस एनर्जी को 25 वर्ष के लिए लीज पर दी गई है।

प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया कि रिलायंस बायो एनर्जी इस प्लांट पर गीले कूड़े को प्रोसेस कर बायो सीएनजी गैस बनाएगी, जो कि वाहनों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल हो सकेगा। साथ ही कूड़े को प्रोसेस करने के एवज में प्राधिकरण को 225 रुपये प्रति टन की रॉयल्टी मिलेगी। 300 टन प्रतिदिन कूड़े को प्रोसेस करने के लिए प्राधिकरण को कोई खर्चा भी नहीं करना पड़ेगा। यह प्लांट डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार का कहना है कि बायो सीएनजी प्लांट के लगने से ग्रेटर नोएडा में गीले कूड़े को प्रोसेस करने की समस्या हल हो जाएगी। इससे ईंधन भी मिलेगा और प्राधिकरण को आमदनी भी होगी।

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ग्रेटर नोएडा में मच्छरों का कहर, दवा छिड़काव में लापरवाही से बढ़ा संक्रमण का खतरा https://chitrakootnews.in/2025/04/10/mosquitoes-wreak-havoc-in-greater-noida-risk-of-infection-increased-due-to-negligence-in-spraying-medicine/ https://chitrakootnews.in/2025/04/10/mosquitoes-wreak-havoc-in-greater-noida-risk-of-infection-increased-due-to-negligence-in-spraying-medicine/#respond Thu, 10 Apr 2025 06:41:40 +0000 https://sancharnow.com/?p=28240

ग्रेटर नोएडा (संचार नाउ)। ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों, हाउसिंग सोसाइटियों और ग्रामीण इलाकों में मच्छरों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, जिससे डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग द्वारा मच्छरों से बचाव हेतु अब तक किसी प्रकार की फॉगिंग या कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं कराया गया है।

निवासियों का कहना है कि तापमान बढ़ने के साथ ही मच्छरों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया गया है। “हर शाम सोसायटी में मच्छरों की भरमार हो जाती है, बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है,”

ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी गंभीर है। गांवों में खुले नाले और रुका हुआ पानी मच्छरों के पनपने के लिए उपयुक्त माहौल बना रहे हैं। गांववासी बताते हैं कि काफी समय से नियमित फॉगिंग नहीं कराई गई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रैल-मई में मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ती है और यह वह समय होता है जब कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाना बेहद जरूरी होता है। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले हफ्तों में मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप और अधिक फैल सकता है।

प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी व अधिकारियों के उदासीनता ने इस पूरे मामले में कई सवाल खड़े कर रही है। स्थानीय लोगों की मांग है कि तुरंत सभी सेक्टरों, सोसाइटियों और गांवों में फॉगिंग और एंटी-लार्वा दवाओं का छिड़काव शुरू किया जाए, ताकि स्थिति नियंत्रण में लाई जा सके।

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सोसाइटी के कूड़े का निस्तारण न करने पर भी अजनारा होम्स पर दो लाख की पेनल्टी https://chitrakootnews.in/2025/04/09/ajnara-homes-fined-rs-2-lakh-for-not-disposing-of-societys-garbage/ https://chitrakootnews.in/2025/04/09/ajnara-homes-fined-rs-2-lakh-for-not-disposing-of-societys-garbage/#respond Wed, 09 Apr 2025 14:20:33 +0000 https://sancharnow.com/?p=28208 ग्रेटर नोएडा (संचार नाउ)। कूड़े का उचित प्रबंधन न करने पर बल्क वेस्ट जनरेटरों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा की तरफ से कार्रवाई जारी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जनस्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर 16बी स्थित अजनारा होम्स सोसाइटी पर 2.01 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई गई है। इससे पहले बुधवार को प्राधिकरण के जल विभाग की तरफ से वाटर टैंक की सफाई में लापरवाही करने पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

अजनारा होम्स सोसाइटी के निवासियों की शिकायत पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग की टीम बृहस्पतिवार को कूड़ा निस्तारण की जांच करने पहुंची। वरिष्ठ प्रबंधक स्वास्थ्य सन्नी यादव ने बताया कि टीम को सोसाइटी के बेसमेंट में कूड़े का ढेर मिला। अजनारा होम्स की तरफ से कूड़े का निस्तारण उचित तरीके से नहीं किया जा रहा था। साथ ही सेनेटरी वेस्ट को भी प्रोसेस नहीं किया जा रहा था, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अजनारा होम्स सोसाइटी पर 2.01 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।प्राधिकरण ने जुर्माने की रकम को तीन कार्य दिवस में जमा कराने को कहा है। प्राधिकरण के ओएसडी अभिषेक पाठक ने चेतावनी दी है कि सभी बल्क वेस्ट जनरेटर अपने कूड़े का निस्तारण खुद से करना सुनिश्चित करें अन्यथा उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने सभी बल्क वेस्ट जनरेटरों को कूडे़ का उचित प्रबंधन करने और ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ बनाए रखने में सभी निवासियों से सहयोग करने की अपील की है। बता दें, कि इससे पहले बुधवार को पानी की गुणवत्ता जांचने पहुंची प्राधिकरण के जल विभाग की टीम को सोसाइटी के अंदर बने जलाशयों की साफ-सफाई उचित न मिलने पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

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अच्छेजा गांव के अतिक्रमण पर चला ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बुलडोजर https://chitrakootnews.in/2025/04/03/greater-noida-authoritys-bulldozer-runs-on-encroachment-of-achheja-village/ https://chitrakootnews.in/2025/04/03/greater-noida-authoritys-bulldozer-runs-on-encroachment-of-achheja-village/#respond Thu, 03 Apr 2025 12:44:33 +0000 https://sancharnow.com/?p=27986 संचार नाउ। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बृहस्पतिवार को अच्छेजा गांव में अधिसूचित एरिया पर हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर चलाया। प्राधिकरण ने करीब 4000 वर्ग मीटर जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया। कॉलोनाइजर के द्वारा इस जमीन पर अवैध निर्माण किया जा रहा था।

दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने अधिसूचित एरिया में अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जिस पर प्राधिकरण की टीम ने अमल करते हुए अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है। बृहस्पतिवार को प्राधिकरण की टीम ने अच्छेजा में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की।

ग्रेनो प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने बताया कि ग्रेटर नोएडा के गांव अच्छेजा के खसरा नंबर 1420 और 1421 के लगभग 4000 वर्ग मीटर जमीन पर रामायणम के नाम से विला बनाकर अवैध कॉलोनी बसाई जा रही थी। प्राधिकरण की तरफ से नोटिस जारी कर अवैध निर्माण पर रोक लगाई गई लेकिन कॉलोनाइजर चोरी छिपे बनाने की कोशिश कर रहे थे। बृहस्पतिवार को एसडीएम जितेंद्र गौतम, तहसीलदार पुष्पा यादव वर्क सर्कल एक के प्रभारी ऋतिक, वर्क सर्कल दो के प्रभारी सनी यादव और वर्क सर्कल तीन के प्रभारी राजेश कुमार नीम के साथ ही तीनों वर्क सर्कल की टीमों ने एसीपी बिसरख दीक्षा व पुलिस की मौजूदगी में कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। इस दौरान प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करा लिया। प्राधिकरण की टीम ने 6 जेसीबी और दो डंपर की मदद से 3 घंटे में यह कार्रवाई की। इस दौरान मुक्त कराई गई जमीन की कीमत लगभग 8 करोड रुपए से अधिक होने का आकलन है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने चेताया कि अच्छेजा ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित एरिया में है। प्राधिकरण की अनुमति के बिना या फिर बिना नक्शा पास कराए अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसीईओ ने जनमानस से अपील की है कि ग्रेटर नोएडा में कहीं भी जमीन खरीदने से पहले प्राधिकरण से संपर्क कर पूरी जानकारी जरूर प्राप्त कर ले। इस तरह की अवैध कॉलोनी में अपनी गाड़ी कमाई न फसाए।

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एलजी शारदा रोड की 15 साल से चली आ रही बाधाएं हुई दूर, नोएडा से कनेक्टिविटी होगी बेहतर https://chitrakootnews.in/2025/04/03/the-15-year-long-lg-sharda-road-hurdle-has-been-resolved-connectivity-with-noida-will-improve/ https://chitrakootnews.in/2025/04/03/the-15-year-long-lg-sharda-road-hurdle-has-been-resolved-connectivity-with-noida-will-improve/#respond Thu, 03 Apr 2025 11:55:49 +0000 https://sancharnow.com/?p=27978 संचार नाउ। ग्रेटर नोएडा के एलजी चौक से शारदा विश्वविद्यालय की तरफ जाने वाली रोड की बाधाएं दूर हो गई है पिछले 15 साल से अटकी पड़ी हुई यह रोड अब 6 महीने में बनकर तैयार हो जाएगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की पहल पर रोड के लिए जमीन देने को टी-सीरीज प्रबंधन राजी हो गया है। लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी इस रोड को बनाने के लिए सैद्धांतिक और प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गई है। लगभग 31 करोड रुपए की इस परियोजना के लिए शीघ्र ही प्राधिकरण के द्वारा टेंडर जारी किए जाएंगे। रोड का निर्माण कार्य शुरू होने के बाद पूरा होने में लगभग 6 माह का समय लगेगा। इस रोड के बनने से एलजी चौक से शारदा विश्वविद्यालय की तरफ नॉलेज पार्क एक, दो व तीन और नोएडा के बीच कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। यह रोड 15 साल पहले बना था लेकिन तभी से एक तरफ ही यातायात चल रहा था।

दरअसल, एलजी चौक से शारदा विश्वविद्यालय की तरफ जाने का मार्ग अनुमान 15 साल से अटका हुआ है। यह जमीन टी सीरीज कंपनी की है कई बार कंपनी प्रबंधन से बात करके इस मामले का हल निकालने का प्रयास किया गया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। जिसके बाद यह मामला कोर्ट में पहुंच गया लेकिन कंपनी रोड बनाने के लिए जमीन देने को तैयार नहीं हुई। एक ही तरफ की रोड बनी होने के कारण एलजी चौक से शारदा विश्वविद्यालय की तरफ आने-जाने के लिए वहान इसी रोड से गुजरते हैं इससे दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनर्जी रवि कुमार ने एलजी चौक से शारदा विश्वविद्यालय की रोड को बनाने के लिए टी सीरीज कंपनी से वार्ता की पहल की। सीईओ के साथ ही एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने भी परियोजना विभाग की टीम के साथ टी-सीरीज कंपनी प्रबंधन से कई दौर की वार्ता की। हाल ही में इस मसले का हल निकल आया है। वाहनों की आवा-जाही की दिक्कत को देखते हुए कंपनी प्रबंधन रोड की जमीन देने को तैयार हो गई है। प्राधिकरण इस रोड को जल्द बनने जा रहा है।

एसीईओ श्रीलक्ष्मी वी एस ने बताया कि रोड को बनने के लिए सीईओ से सैद्धांतिक व प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। इसका टेंडर जल्द ही जारी किया जाएगा कंपनी का चयन व निर्माण जल्द शुरू करने की तैयारी है । उन्होंने बताया कि एलजी चौक से शारदा विश्वविद्यालय के बीच तीन-तीन लाइन की रोड बनेगी टोटल 6 लाइन की रोड बनेगी व दोनों तरफ सर्विस रोड और सेंट्रल वर्ज बनेगा। पहले से निर्मित रोड की री सरफेसिंग भी होगी सर्विस रोड की ड्रेन का निर्माण होगा। निर्माण शुरू होने के बाद कार्य को पूरे होने में 6 महीने का वक्त लगने का अनुमान है। इस रोड के बनने से एलजी चौक से शारदा विश्वविद्यालय की तरफ नॉलेज पार्क एक दो या तीन के बीच आना जाना आसान हो जाएगा इसके साथ ही हिडेन का पुल का निर्माण हो रहा है इस पुल के चालू होने के बाद नोएडा के सेक्टर 143 से लोग चौक के बीच वाहनों की आवाज आई बढ़ेगी। इस लिहाज से भी लोग चौक से शारदा विश्वविद्यालय रोड काफी है में इसे परी चौक पर ट्रैफिक का दबाव भी काम हो जाएगा।

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ग्रेटर नोएडा में अवैध निर्माण का खेल: प्राधिकरण की चुप्पी पर सवाल https://chitrakootnews.in/2025/04/02/illegal-construction-game-in-greater-noida-question-on-authoritys-silence/ https://chitrakootnews.in/2025/04/02/illegal-construction-game-in-greater-noida-question-on-authoritys-silence/#respond Wed, 02 Apr 2025 13:00:52 +0000 https://sancharnow.com/?p=27932 संचार नाउ। ग्रेटर नोएडा, जिसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और योजनाबद्ध विकास के लिए जाना जाता है, वहां अवैध निर्माणों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की नाक के नीचे कॉलोनाइजर और बिल्डर खुलेआम अवैध फ्लैट और विला बना रहे हैं। गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों को सस्ते मकानों का लालच देकर इन अवैध निर्माणों को बेचा जा रहा है, लेकिन प्राधिकरण के अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए है। प्राधिकरण के कुछ वर्क सर्कल के अधिकारियों की भूमिका भी संदेहास्पद है जिसके चलते वैदपुरा गांव में कोई भी कार्रवाई नही की जा रही है।

दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में प्राधिकरण को ही विकास करना था। प्राधिकरण को किसानों की जमीन अधिग्रहित कर, योजना के हिसाब से विकास करना था लेकिन प्राधिकरण भूल गया और क्षेत्र को अवैध निर्माण के लिए छोड़ दिया गया। जिन अधिकारियों की अवैध निर्माण रोकने की ज़िम्मेदारी थी क्या वो अपनी ज़िम्मेदारी को निभा पा रहे हैं या सहयोगी की तरह कार्य कर रहे हैं ये प्राधिकरण को तय करना है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा लगातार अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाते हैं लेकिन उसके बाद भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में लगातार अवैध निर्माण हो रहा है और यहां के अधिकारी कोई भी कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।

क्या अवैध निर्माण को मिली हुई है मौन स्वीकृति?

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण बिना अनुमति के नहीं हो सकता। फिर भी, गांव वैदपुरा में खसरा संख्या 61, 333, 334, 335 और 598 जैसे स्थानों पर धड़ल्ले से निर्माण कार्य जारी है। यह बड़ा सवाल उठता है कि जब प्राधिकरण को इसकी पूरी जानकारी है, तो अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या यह प्राधिकरण की लापरवाही है, या फिर कहीं कोई सांठगांठ चल रही है?

भोली-भाली जनता को बनाया जा रहा है निशाना

इन अवैध निर्माणों के शिकार वे लोग होते हैं, जो सस्ते मकानों के लालच में अपनी जमापूंजी गंवा बैठते हैं। जब तक उन्हें यह पता चलता है कि उनका मकान अवैध रूप से बना है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। प्राधिकरण के पास शिकायतें दर्ज होने के बावजूद ठोस कदम न उठाया जाना इस पूरी प्रक्रिया को और भी संदिग्ध बनाता है।

कब होगी अवैध निर्माण पर कार्रवाई

ग्रेटर नोएडा का सुनियोजित विकास तभी संभव है जब अवैध निर्माणों पर रोक लगे और प्राधिकरण अपनी जिम्मेदारी निभाए। अब देखने वाली बात होगी कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस मुद्दे पर कब और क्या कदम उठाता है, या फिर यह खेल यूं ही चलता रहेगा।

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