Illegal construction – Chitrakoot News https://chitrakootnews.in Wed, 02 Apr 2025 13:00:52 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 ग्रेटर नोएडा में अवैध निर्माण का खेल: प्राधिकरण की चुप्पी पर सवाल https://chitrakootnews.in/2025/04/02/illegal-construction-game-in-greater-noida-question-on-authoritys-silence/ https://chitrakootnews.in/2025/04/02/illegal-construction-game-in-greater-noida-question-on-authoritys-silence/#respond Wed, 02 Apr 2025 13:00:52 +0000 https://sancharnow.com/?p=27932 संचार नाउ। ग्रेटर नोएडा, जिसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और योजनाबद्ध विकास के लिए जाना जाता है, वहां अवैध निर्माणों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की नाक के नीचे कॉलोनाइजर और बिल्डर खुलेआम अवैध फ्लैट और विला बना रहे हैं। गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों को सस्ते मकानों का लालच देकर इन अवैध निर्माणों को बेचा जा रहा है, लेकिन प्राधिकरण के अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए है। प्राधिकरण के कुछ वर्क सर्कल के अधिकारियों की भूमिका भी संदेहास्पद है जिसके चलते वैदपुरा गांव में कोई भी कार्रवाई नही की जा रही है।

दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में प्राधिकरण को ही विकास करना था। प्राधिकरण को किसानों की जमीन अधिग्रहित कर, योजना के हिसाब से विकास करना था लेकिन प्राधिकरण भूल गया और क्षेत्र को अवैध निर्माण के लिए छोड़ दिया गया। जिन अधिकारियों की अवैध निर्माण रोकने की ज़िम्मेदारी थी क्या वो अपनी ज़िम्मेदारी को निभा पा रहे हैं या सहयोगी की तरह कार्य कर रहे हैं ये प्राधिकरण को तय करना है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा लगातार अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाते हैं लेकिन उसके बाद भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में लगातार अवैध निर्माण हो रहा है और यहां के अधिकारी कोई भी कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।

क्या अवैध निर्माण को मिली हुई है मौन स्वीकृति?

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण बिना अनुमति के नहीं हो सकता। फिर भी, गांव वैदपुरा में खसरा संख्या 61, 333, 334, 335 और 598 जैसे स्थानों पर धड़ल्ले से निर्माण कार्य जारी है। यह बड़ा सवाल उठता है कि जब प्राधिकरण को इसकी पूरी जानकारी है, तो अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या यह प्राधिकरण की लापरवाही है, या फिर कहीं कोई सांठगांठ चल रही है?

भोली-भाली जनता को बनाया जा रहा है निशाना

इन अवैध निर्माणों के शिकार वे लोग होते हैं, जो सस्ते मकानों के लालच में अपनी जमापूंजी गंवा बैठते हैं। जब तक उन्हें यह पता चलता है कि उनका मकान अवैध रूप से बना है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। प्राधिकरण के पास शिकायतें दर्ज होने के बावजूद ठोस कदम न उठाया जाना इस पूरी प्रक्रिया को और भी संदिग्ध बनाता है।

कब होगी अवैध निर्माण पर कार्रवाई

ग्रेटर नोएडा का सुनियोजित विकास तभी संभव है जब अवैध निर्माणों पर रोक लगे और प्राधिकरण अपनी जिम्मेदारी निभाए। अब देखने वाली बात होगी कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस मुद्दे पर कब और क्या कदम उठाता है, या फिर यह खेल यूं ही चलता रहेगा।

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